जब कभी तुम हमें मीलने आओंगे
हमें तुम्हारे इन्तेजार में ही पाओंगे
देखना फिजा भी कैसे मुस्कराती हे
देखकर हमको तुमभी पीघल जाओंगे
मुसीबते पूछती नहीं बस चली आती हे
तुम अकेले-अकेले कैसे रहे पाओंगे
वक्त भी जब यूही नीकल जाता हे
फिर उसे वापस कहा से लाओंगे
के बी सोपारीवाला