मोहब्बत का मुझ को असर हो गया है
मोहब्बत का मुझ को असर हो गया।
मिलकर के तुमसे मैं बेखर हो गया।।
मुझे तुमसे ये कैसा मुलाकात हो गया।
धीरे-धीरे रातों में प्रेम बरसात हो गया।।
चांदनी रात में चांदनी रात छा गई।
मिलके तुमसे हमें उनकी याद आ गई।।
हम ख्वाबों में उनके चेहरे देखते रह गए।
हम चांदनी रातों में अफसाने बुनते रह गए।।
- सुप्रिया साहू