कठिनाइयाँ आएंगी तू लड़ने का हौसला रख,
ना रुक तू चलने का हौसला रख,
अंगारें तो जलती रहेंगी तू ना बुझा इसे,
ना डर तू पार करने का हौसला रख,
पार करने का हौसला रख,
मिलती नहीं मंजिले यूं ही किसी को,
तू राह बना उस राह पर चलने का हौसला रख,
चलने का हौसला रख,
डगर डगर समास्याये हैं नदियों की धराओं में तू उतर,
तू तैरने का हौसला रख, तैरने का हौसला रख,
जीवन की राह में कुछ पाने की चाह में,
तू ना भूल अपने कर्तव्य को,
तू ना देख दिन और रात तू मेहनत का फैसला कर,
आगे बढ़ने का हौसला रख,
कठिनाइयां आएंगी तू लड़ने का हौसला रख,
आगे बढ़ने का हौसला रख आगे बढ़ने का हौसला रख,
कवि राजू वर्मा .........
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