कापीराइट गजल
हाथ में जिस दिन कलम उठाई हमने
एक पहचान नई दिल में बनाई हमने
काबिल इस से पहले बनाया खुद को
कई रात संग इसके जब बिताई हमने
हुनर दिल जीतने का भी सीखा हमने
जब भी हाथों में ये कलम उठाई हमने
जीती जंग सभी ने तलवार के दम पर
जंग जीतने के लिए कलम उठाई
हमने
दुश्मन भी है दोस्त भी है ये कलम अपनी
इसी से मिलकर ये नई राह बनाई हमने
कलम की ताकत को पहचान ले यादव
एक झलक इसकी अब दिखाई हमने
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
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