हर पल जीना हर पल मरना
जन्म मरण केवल दो शब्द
एक ही जीवन के दो पहलू
अन्त और आगाज़
पुराने का मरण और नए का जन्म
चाहे इसे अन्त कहो या आगाज़
ज़िन्दगी भी कैसी पहेली है
जहाँ कहने को जन्म मरण बेशक एक बार होता है
पर उलझनें इतनी हैं जीवन में कि
उनसे झूझता इन्सान न जाने कितनी बार मरता है और कितनी बार जीता है..
वन्दना सूद