नेताजी आए हाथ जोड़कर,
बोले – "बेटा, अबकी बार,
हर गली में नाला होगा,
हर हाथ में प्याला होगा!"
"बिजली देंगे, पानी देंगे,
फ्री में राशन-दुकान चलाएँ,
घर-घर नौकरी बाँटेंगे हम,
बस एक बार जितवाओ भाई।"
जनता बोली – "बात तो सही है,
चेहरा भी नया-सा है,
पर पिछली बार जो जीते थे,
वो भी यही कहा करते थे।"
नेता मुस्काए, मूँछों को ताने,
बोले – "भूल जाओ बीती बात,
इस बार तो ईमान साथ है,
सपनों वाली सरकार साथ है!"
जैसे-तैसे वोट पड़े,
जनता फिर से हार गई,
नेता जी ने कुर्सी पाई,
वादों की गठरी फार गई।
अब न बिजली, न ही पानी,
राशन की लाइन फिर लंबी,
नेता जी विदेश में घूमे,
जनता गा रही – "जय लंबी!"