ये रावण क्यों मरता नहीं,
ये रावण क्यों मरता नहीं ?
कलयुग के इस राम से यह रावण क्यों डरता नहीं,
क्या ज्ञात है उसको इस राम में उस राम के जैसी बात नहीं,
क्या पता है उसको इस कलयुग में कोई राम के जैसे राम नहीं,
क्या कलयुग के ये राम सभी तरकश के तीर गंवा बैठे,
क्या सीता मां की रक्षा का वचन ये राम सभी भुला बैठे,
क्या रावण ही सब रावण हैं,
क्या राम यहां कोई बचा नहीं ?
क्या स्त्री लज्जा भंग की यहां पे किसी को कोई सजा नहीं,
एक प्रभु श्री राम थे जो मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए थे,
वहीं रावण भी कुछ कम नहीं जो भगिनी लाज की रक्षा को भगवान से भी लड़ आए थे,
पर कलयुग का ये राम कोई मर्यादा की न बात सुने,
ये रावण भी कहलाए तो रावण भी सुनके शर्मसार हुए,
वो नारी है, अबला है, दुर्बल कहकर सभी बुलाते हैं,
उस सीता सी नारी को ये रावण घाव घनी पहुंचाते हैं,
इस कलयुग में नारी का क्यों करता कोई सम्मान नहीं,
ये रावण क्यों मरता नहीं,
ये रावण क्यों मरता नहीं..?
—कमलकांत घिरी.✍️