रुलाकर किसीको आज तक कोई हस नहीं पाया
उपरवाले का ये निदान हे कोई समज नहीं पाया
अभी भी तुम्हारी मंजिल करीब नहीं आई दोस्त
फिर ना कहना क्यों छोटी बात समज नहीं पाया
पैसो खातिर सारा जग दौड़-भाग में लगा रहता हे
माया की आंधी को इन्सान क्यों समज नहीं पाया
रोते हुए तो इस दुनिया में सभी आते हे
किसी को हसाकर जो गया उसी ने ईश्वर को पाया
के बी सोपारीवाला ......