मौसम - ए- जहां का हवा लेने दो
सभी को अपनी जिंदगी का मजा लेने दो
पूजा मस्जिद में करें या सजदा मंदिर में
ये उनकी मर्जी है, निभा लेने दो
दंगे वालों, दंगों से, आखिर मिला क्या है
साजिश के चंद पैसे,ठुकरा लेने दो
गांधी, सुभाष और कलाम की धरती पर
गीत तुलसी, रसखान के,गा लेने दो
सियासत के हाथों, सिर्फ, नफरत के बीज होते हैं
जनमानस को अमन के, पौधे,उगा लेने दो।।
सर्वाधिकार अधीन है