खेतों में खेलना पेड़ के नीचे पढ़ना।
भेस चराकर संध्या से पहले लौटना।।
बचपन सुनहरा अपना खो गया जैसे।
यादो के ठहराव में रह रहकर हँसना।।
बीते पल न लौटेंगे गाँव के मंजर मेरे।
बारिश में भीगा घर का आँगन पुराना।।
वक्त की रेत फिसली पकड़ ना पाया।
नये आयाम ने छू लिया नया ठिकाना।।
आज पलट कर देखती कहाँ आ गई।
सीख लिया घाट घाट का पानी पीना।।
रास्ते बदले जीवन राह नई पाई 'उपदेश'।
अपनी शख्सियत सलाम करता ज़माना।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




