आसमान से एक तारा टूटा,
फिर से एक बार.....
तकदीर पलटने की बारी आयी,
एक बार फिर से मन हुआ मायूस,
आँखों में पानी भर आयी,
तकदीर की रुसवाई फिर सामने आयी,
फिर से इंतज़ार की घड़ियां शुरू हो गयी,
आसमान निहारते हुए,
कब तारा टूटे ??
और कब तकदीर पलटे.....!!!
#संजय श्रीवास्तव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




