जीवन का सफर है कर्म,
कर्म का फल हैं अनुभव।
हर कदम पर कर्म कुछ सिखाता है,
बंद होने पर, नया एक रास्ता दिखाता है।
कर्म की गहराई में,
सच्चाई का अमृत बसा है।
जो कर्म से बांधे बंधनों को,
वही तोड़ता है किस्मत के बंद दरवाजों को।
संघर्षों में भी वही हारता है,
जो कर्म में नहीं लग पाता है।
आसमान को छूने की ख्वाहिश है,
कर्म में जो लगा है वह पाता है।
कर्म में ही सच्चाई मिलती है,
कर्म से ही अच्छाई मिलती है।
कर्म का परम अर्थ है,
जीवन के सच्चे स्वर्ग या नरक की तलाश।
वह स्वर्ग जो कर्म करने से मिलता है
या
वह नर्क जो गलत कर्म करने
या
कर्म न करने से मिलता है
इसलिए जीवन के सफर में,
कर्म को साथ लेकर चलें।
सत्य और न्याय के पथ पर,
हर कदम को दृढ़ता से बढ़ाएं।
-प्रतिभा सिंह

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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