भावपूर्ण श्रद्धांजलि
आदरणीय अशोक कुमार पचौरी "जी" को सादर नमन 🙏🌹
घाव इतना गहरा है,
कि उम्र लग जायेगी सारी फिर भी ना भर पाएगा।
तेरी मांग का सिंदूर थे वो,
बच्चों की आँखों का नूर थे वो।
अपने मात-पिता का गुरुर थे वो।
जानती हूँ —
तुम सबकी रक्षा कवच थे वो।
वक़्त के बेरहम हाथों ने जिसको छीन लिया है हमसे,
जो खोया है तुमने, उसको कोई ना लोटा पाएगा।
तुम्हारे दर्द में ग़ाफ़िल हूँ मैं,
तुम्हारे गम में शामिल हूँ मैं।
दुखी हूँ मैं क्योंकि वो मेरे भी बेटे जैसा था।
शब्दों का मरहम मुझसे ना लगाया जायेगा।
अब ईश्वर से यही प्रार्थना —
तुम जहाँ भी रहो अशोक जी, खुश रहना।
तुम्हारे परिवार को ईश्वर दुख सहने की शक्ति देना।
हे कृष्णा!
तुम अशोक जी को नया जन्म, नव जीवन देना,
उनके सारे अधूरे अरमान पूरे करना।
वक़्त ही अब विनय जी,
तुम्हारे घावों को भर पाएगा।
— सरिता पाठक
भावपूर्ण श्रद्धांजलि 🙏🌹

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




