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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

गर कोई चला गया

कापीराइट गजल

गर कोई चला गया है तो फिर से पुकार लो
अब इस जिन्दगी को तुम फिर से संवार लो

होता है ये गम सभी को किसी के जाने पर
न इस तरह से कोई गम अब तुम उधार लो

हर एक जिन्दगी में आते हैं ऐसे लोग यूं ही
मुमकिन नहीं सब को तुम दिल में उतार लो

होती है इन सभी की फितरत अलग-अलग
अच्छा है परीक्षा की, कसौटी पर उतार लो

बदल लेते हैं ठिकाना दिल पे दस्तक दे कर
मिला नहीं है वो अगर तो फिर से पुकार लो

टूट जाती हैं ये उम्मीदें यूं किसी के जाने पर
अपनी टूटी हुई उम्मीद को फिर से संवार लो

गर नजर आती हैकिसी में अपनी ही जिन्दगी
तुम इस जिन्दगी को आगे बढ़कर संवार लो

गर ये ख्वाब सजाए थे तूने किसी की खातिर
अपने ख्वाब को अब तुम फिर से संवार लो

जिन्दगी तो है बस एक हंसी समझौता यादव
तुम चाहो तो जिन्दगी को खुशी से गुजार लो

- लेखराम यादव
...मौलिक रचना ...


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

सुप्रिया साहू said

खूबसूरत गज़ल सर जी👌👌 आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आदरणीय सुप्रिया जी आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं सादर नमस्कार 🙏🙏

श्रेयसी said

दिल के तार झनझना गए आपकी इस रचना से।एक शब्द है "काश" जो जीवन से कभी जाता नहीं। निःशब्द हूंँ। बहुत प्रेरणा दायक रचना। सुप्रभात सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

मेरी प्यारी बहना जिन्दगी में दिल के तार तो ऐसे ही बज जाते हैं, मगर आप निःशब्द मत रहा करो, अपने मन की हर अभिव्यक्ति को खुल बयां करो और दिल खोल कर जियो, तभी इस जिन्दगी का मजा ले पाओगी, आपको सादर नमस्कार

वन्दना सूद said

बहुत खूबसूरत गज़ल 👌👌👏👏वाह वाह sir 🙌🏻🙌🏻

Lekhram Yadav replied

आदरणीय वन्दना जी, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं आभार, आपको सादर नमस्कार

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar ghazal sir ji, 👌👌 bahut khoob kaha "टूट जाती हैं ये उम्मीदें यूं किसी के जाने पर अपनी टूटी हुई उम्मीद को फिर से संवार लो" aapko saadar pranam hai...🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आदरणीय अशोक कुमार पचौरी आर्द्र जी, आपको धनयवाद सहित सुप्रभात एवं सादर नमस्कार 🙏🙏

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