पलक झपकते ही अंधेरे सुलाने लगे।
गहरी नींद में जाते ही सपने आने लगे।।
ग़ज़ब सी दास्ताँ चिड़िया उड़कर आई।
उसकी हरकते देख हम कुनकुनाने लगे।।
हवा बह रहीं थीं अचानक तेज हो गई।
चिड़िया महबूबा हुई हम गुनगुनाने लगे।।
लौटकर आई खुशी चेहरे को बदलकर।
सहलाने लगी जिस्म वो पल सुहाने लगे।।
जिसके निमंत्रण आने बन्द हो चुके थे।
उसके निमंत्रण पर 'उपदेश' गाने लगे।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




