फूलों की खेती करने से हवा मे खुशबू फैली।
रोशनी मे जगमगाती प्यार की किरण फैली।।
कलियों के सपने आसमान मे किलकारियां।
भविष्य बुनती 'उपदेश' खुशी अकारण फैली।।
डाली मे जब तक रही प्यार का एहसास दिया।
अपनों का साथ छूटा चुभन बिन कारण फैली।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद