आदमी बता तेरी, आदमीयत क्या है..
दिल में छुपी हुई, तेरी नीयत क्या है..।
जाते वक्त, खाली हाथों को जो देखा..
तो पूछा, इस जहाँ में वसीयत क्या है..।
ज़माना देता रहा, कदम–कदम धोखा..
इसके अलावा, इसकी खासियत क्या है..।
माना कि दिल के राज़, जुबां से बयां हो गए..
फिर भी मालूम नहीं, कि असलियत क्या है..।
ऐ खुदा ! मुश्किल वक्त में, तेरा नाम है सहारा..
तेरे इस जहाँ में, जीने की और सहूलियत क्या है.

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




