तेरे दिन अच्छे हैं, हमसे किनारा कर लो,
वरना हालात बदलते हैं, इशारा कर लो।
हम वो ज़ख़्म हैं जो ख़ून नहीं बहाते,
पर जो सह ना सको, वो ख़सारा कर लो।
हमसे उलझना कोई खेल नहीं होता,
तन्हाई से दोस्ती दोबारा कर लो।
हम बुरे लोग हैं, पर याद रखना तुम,
बुरे वक़्त में ही तो सहारा कर लो।
हमने रिश्तों को पूजा सा समझा था,
तुम चाहो तो अब ये गुज़ारा कर लो।
हमसे बचना है तो दूर बहुत जाओ,
या फिर ख़ुद से कोई किनारा कर लो।
हम न मिल पाए तो क्या कमी होगी,
ये सोचकर दिल को तुम्हारा कर लो।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




