पास तो नहीं
पर दूर भी नहीं हो
जितनी पास रहते हैं
रिश्ते उतनी दूर चले जाते
जितनी दूर रहते हैं
रिश्ते उतनी पास चले आते
क्योंकि पास हो तो
कदर नहीं करते
जब दूर हो जाते तब
फिक्र करना शुरू करते ॥
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|
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पास तो नहीं
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जितनी पास रहते हैं
रिश्ते उतनी दूर चले जाते
जितनी दूर रहते हैं
रिश्ते उतनी पास चले आते
क्योंकि पास हो तो
कदर नहीं करते
जब दूर हो जाते तब
फिक्र करना शुरू करते ॥