समंदर जितना खामोश है, उतना गहरा है,
पहाड़ों का दर्द, नदियों की आँसू से भरा है।
छोड़ जाने वाले को कहाँ महसूस होता दर्द,
दर्द बता सकता वही जिसका जख्म हरा है।
कितना मुश्किल है जबाँ से कहना अहसास,
वो करे तो कैसे करे बयाँ, जो गूँगा-बहरा है।
तुम्हें पाने की चाहत ने ही बना दिया शायर,
बिना तुम्हारे अधूरा ही लगता हर मिसरा है।
है चाहत डूबने की तेरी आँखों के समंदर में,
मुश्किल ये कि साहिल पर, सख़्त पहरा है।
🖊️सुभाष कुमार यादव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




