दुनिया की सेज पर
शरमायी सी दुल्हन है
ये मेरा हिंद - वतन है
घूंघट ओढ़े कश्मीरी
होंठ रंग भरी है
गले हिमाचल का
मोतियों की लड़ी है
वादियों की आंखों में
सिमटा अमन है....…ये मेरा.……
बाहों में खनके हैं
चूड़ी पंजाब की
मेंहदी राजस्थान की
कंगना बंगाल की
मिट्टी रगों में है
झूमता जन जन है..…. ये मेरा....
सिर पर हिमालय का
हीरे का ताज है
पांवों में केरल के
झांझर का राज है
झूलती कमर में
मराठी करधन है.…... ये मेरा......
कल कल सी नदियों से
लेती अंगड़ाई है
उन्नत शिखाओं की
चंचल तरुणाई है
जलती है चंदा
जैसे शौतन है …...ये मेरा.....
सर्वाधिकार अधीन है