एक दिन वो बिन बुलाए आएगी😀😊
दरवाजा भी न खटखटाएगी
तुम्हे ढूंढती हुई , बच्चे की तरह
आके यू तुमसे लिपट जायेगी
एक दिन बिन बुलाए आएगी
कुछ किस्से तुम्हारी जिंदगी के
तुम्हे धीरे से याद दिलाएगी
थोड़ा हसाएगी थोड़ा रुलाएगी
खेलेगी बाहों में थोड़ा तुम्हारी
सासों को अंदर से बाहर निकालेगी
एक दिन बो बिन बुलाए आएगी
धीरे से मूदेगी आखों को तेरी
पकड़ेगी हाथो को बाहर ले जायेगी
एक दिन बो बिन बुलाए आएगी
खड़ा कर दूर तमाशा दिखलाएगी
रोएंगे किलपेगें लिपटेंगे कुछ देर
फिर सब चुप हो जायेंगे
संभलेंगे धीरे से पोछेंगे आशु
मुर्दा बताकर तुझको जलाएंगे
थोड़े समय तक रहेगा ये मातम
हस्ते हुए सब तुमको भुलायेंगे
टांगेगे तस्वीर यादें बनाकर
टंगी तस्वीरों मैं जाले लग जायेंगे
कहानी तेरी खत्म हो जाएगी
एक दिन बिन बुलाए आएगी
लेके जायेगी अलग सी दुनिया मैं
कर्मो का तेरे बो लेखा कराएगी
कोई कहेगा क्या करके आए
इतने दिनों में जो तुमने बिताए
अपना सा कोई न तुमको लगेगा
कर्मो का लेखा ही साथी रहेगा
आए अकेले थे जाना अकेले
काहे को पाले ही दुनिया झमेले
माया की दुनियां तुम्हे भरमाएगी
एक दिन बो बिन बुलाए आएगी
साक्षी लोधी