[ एक दशक बीत गया ]
भाभी के दुलार में
भाई के प्यार में
पता ना चला कब जीत
गया एक दशक बीत गया
समुद्र के निर में
भाई भाभी के शीर(साथ )में
पता ना चला सावन शीत गया एक दशक बीत गया
झुंझलाता जेठ आया
शरद चांदनी ले आया
सिसकियां भरते तालाब का सारा जल रीत गया
भाई भाभी के साथ मुझे एक दशक बीत गया
पथ पथ पर बुहारती काटे
हो तुम पर न्योछावर झांके
पता न चला कब भादव बीत गया
भाभी के दुलार में 1 दशक बीत गया
भाभी जब तू पुकारती थी
( लालजी )
मा सा महसूस करता हूं
तेरे खातिर हर दुविधा हर परेशानी से लड़ता
वाद विवाद
हंसी स्वाद
मेरा मन जीत गया
भाभी के दुलार में
एक दशक बीत गया
हंसी सपाटो में
खुशी भरी बातों में
सर सब कुछ बीत गया
भाभी के सम्मुख मेरा
एक दशक बीत गया
चलो अब कविता के जरिए
माफी भी मांग ली जाए
देवर भाभी के रिश्ते में अब
कोई ना आके टांग अडाए
भाभी के हाथ की रोटी खाए
एक घंटा बीत गया
पता ना चला समय का पहिया
कितनी जल्दी बीत गया
कविताओं का आदि अशोक सुथार

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




