सब की दो धडकनों के बीच में गैप् होता।
एक धड़कन जाती दुसरी का आना होता।।
अगली धड़कन की उम्मीद की तरह तुम हो
तुम्हारे नाम के शोर में, मैं डूब जाना होता।।
पलके झलकती आँख को आराम मिलता।
इस सिलसिले में ख्याल का सजाना होता।।
साँस निरंतर चलती रहती अन्दर से बाहर।
और बाहर से अन्दर 'उपदेश' रवाना होता।।
इंतजार रहता लौटने का वो तुम हाँ तुम हो।
और यहाँ तुम्हारी स्मृतियों का ख़ज़ाना होता।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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