सत्तासुख का लचीला मंत्र "
( व्यंग्यात्मक )
सत्ता शासन का जब-२ वियोग सताए,
सज्जन प्यारे काहे को मनवा घबराए,
स्वार्थी दलबदल या गठबंधन- सरीके ,
मुफ्त नुस्खे टोटके बेगानों से सीखिए,
स्वार्थसिद्धि - साकार , तो चुप्पी भली,
वरना टांग - खिंचाई शुरू कर दीजिए,
बेलगाम घोड़े पर , चलता चाबुक देख ,
अल्पमत की तौंस-धौंस तो दिखाईए,
नतमस्तक न हों उच्च - सत्ताधीश तो,
समर्थन विच्छेदन,सल्तनत गिराइए,
पुनः चुनावों में टिकट हथियाने का,
साध्य गिरगिटी तिकड़म तो लड़ाइए,
फिर चाहे जीत हो अथवा हार जाओ ,
सियासी हस्तियों में नाम तो लिखाइए,
द्वार खट-खटायेंगे बहुतेरे नौसिखिए,
आजीवन गुर सिखाकर नाम कमाएं,
सत्ता प्रयोगिक नव प्रशिक्षण केंद्र का,
इच्छाधारी शोध - पंजीकरण करवाए,
जी हजूरी करेंगी नामी-सामी शख्सियतें,
पूजा-दानदक्षिणा,ख्वाहिशें पूर्ण करवाएं ,
वाहवाही होगी जैसे हों चक्रवर्ती सम्राट ,
गिनीज बुक में अटूट रिकॉर्ड छपवाएं !
✒️ राजेश कुमार कौशल