है क्या, लुटेरों की बस्ती है दुनियां तेरी,
अफवाहों की आंधी सी है दुनियां तेरी
अपने तरीके से जीते है लोग यहाँ,
बहम सा है, बस तेरा, है ये दुनियां तेरी
लुटती है यहाँ कितनी ही दुनियां मेरी,
मेरी दुनियां से बनती है दुनियां तेरी
हिसाब की कितनी पक्की है, मरने का,
जीने का हर हिसाब रखती है दुनिया तेरी
न देख पाया मुझे उठा कर एक नज़र ,
बस इतनी सी दूर मुझसे है दुनिया तेरी

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




