अलग से अंदाज में फूल लेकर आए।
उल्फत कुबूल हुई परछाईं साथ लाए।।
चेहरे पर मुस्कान उनके आ जाने पर।
हिसाब सुलझने लगे खुशबू साथ लाए।।
खन-खनी आवाज वही जानी पहचानी।
लाल गुलाब पत्ते भरी डाली साथ लाए।।
तमन्ना पूरी तरह संतुष्ट होगी 'उपदेश'।
मिजाज बदलने को तोहफा साथ लाए।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद