सच्चाई की करके बात
दुनिया भर को छलते आप
राज खुला सबने पहचाना
था समझा क्या निकले आप।
नियम बनाते स्वयं तोड़ते
आंख बचाकर करते पाप
दुनिया सारी एक तरफ है
एक तरफ हैं आप जनाब।
ऊंची बातें ऊंची महफिल
वहशी दुनिया के सरताज
जिसमे खाते छेद उसी में
आती नहीं जरा भी लाज।
इंकलाब हैं ऐसा लाए
दाने दाने को मोहताज
कोई कहां आपके जैसा
इंसा नहीं खुदा हैं आप।
खंजर लेकर ही करते हैं
सारी दुनिया को मोहताज
दास बहुत बैचैन सभी हैं
जुर्म हमारा है फरियाद ।