ऐसे हैवनों को,
उनके ही अत्याचार के हवन में,
स्वाहा कर डालो।
वरना रोज,
जलती रहेगी।
भारत माता की चुनरी इन अत्याचारों की चिता में।
इस बर्बरता का अंत कर डालो।
अत्याचार को,
मोमबत्ती और माला का विषय मत बनाओ।
तलवार उठाओ,
आत्मरक्षा में।।
और इन हैवानों का अंत कर डालो।