मेरा लीक छोड़कर चलना,
जैसे निधि वन में फल का फलना,
रवि दिनकर के समक्ष जलना ,
हाय मेरा लीक छोड़ कर चलना
देखा तेज पानी का झरना,
देखा फूलों का भी फलना ,
पहाड़ गिरिराज पर चलना
शीतल अग्नि में भी जलना,
मेरे लिक छोड़कर बोले गए
अल्फाज दिल को शीतल कर देते हैं,
उसे 5 मिनट के भाषण में
हम अपना रिश्ता खराब कर लेते हैं,
पेट की भूख के लिए
लीक छोड़ चलना होगा,
मां के दुखों को दूर करना है तो
दहलीज छोड़ काम के लिए निकलना होगा।
हाय लीक छोड़ चलना ,
पग पग पर फिर मचलना ,
होगा मुझको फिर संभालना ,
मेरा लीक छोड़ कर चलना
विपदाएं रास्ते में आएगी,
बादाएं सर दुखाएंगी,
मंजिल पानी है तो
लीख छोड़ निकलना होगा
----अशोक सुथार

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




