घर का सारा बोझ सहती हैं दीवारें
सुन के भी खामोश रहती हैं दीवारें
कान होते हैं पर जुबां नहीं इनकी
चुपचाप हर बात सुनती हैं दीवारें
नींव नीचे पर घर इन्हीं से है बनता
घर का हसीं ख्वाब बनती हैं दीवारें
है मन में फर्क जो भाइयों के बीच
बीच आंगन में तब उठती हैं दीवारें
प्यार का अंकुर पनपते ही दिलो में
खुद यहां पर स्वयं गिरती हैं दीवारें।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




