नारी सशक्तिकरण पर लिखने को जैसे ही कलम उठाई,
सबसे पहले भ्रूण में मरने वाली उन बच्चियों की याद आई,
नारी सशक्तिकरण के लिए सबसे पहले यही कदम उठाए,
भ्रूणहत्या और भ्रूणजांच पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाए,
लड़का-लड़की का भेद समाज से मिटाए,
दोनों को शिक्षा के समान अवसर दिलाए,
फ़िर देखना तुम किसकी बुद्धि बलवान हैं,
प्रथम श्रेणी अधिकाँश क्षेत्र में महिलाओं के नाम हैं,
देश के विकास में सबका योगदान हैं,
महिलाओं को कम समझना पुरूषों का अभिमान हैं,
जिस देश में स्त्री और पुरुष समान हैं,
वो देश सबसे महान हैं,
आज की नारी सर्वशक्तिमान हैं,
सीमा पर तैनात होकर देश की सुरक्षा का करती वो काम हैं,
बंदुक तो क्या वो चला सकती लडाकू विमान हैं,
जरूरत पड़ने पर वो भी दे सकती देश के लिए प्राण हैं,
ऐसी सशक्त नारी ही हर देश का अभिमान हैं,
उस जगतजननी को दिल से प्रणाम हैं।
जय हिन्द।
जय भारत।
लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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