दिन अगर हुआ अच्छा रिश्ते हजार निकलेंगे।
मिलावटी रिश्ते ना परखना तार तार निकलेंगे।।
अगर तुम हो दौलतमंद मांगेंगे जरूर कुछ लोग।
यारी बढ़ायेंगे समझायेंगे कहने के यार निकलेंगे।।
इस भ्रम में ना रहना तुम यहाँ तुम्हारे सब अपने।
तेरा भ्रम तोड़ने वाले करीबी रिश्तेदार निकलेंगे।।
पहचानोगे कैसे तुम अभी खुशहाली का आलम।
गहरे पानी में फँसोगे जब किनारे दूर निकलेंगे।।
तन्हाई अच्छी लगने लगी समझना मोहब्बत है।
नसीहत देने वालों के 'उपदेश' बेकार निकलेंगे।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद