भाई भाई जिंदगी में लड़े नहीं पैसे तो और आएंगे
पर भाई-भाई से बैर पड़ जाए तो फिर वह टूट जाएंगे
पैसे जहां काम ना आए वहा भाई काम आएगा
फस गया विपदा में कहीं भाई साथ निभाएगा
क्यों आजकल भाई-भाई लड़ते हैं
जमीन के टुकड़े के लिए झगड़ते हैं
बातों बातों में बरसते हैं
फिर मिलन को तरसते हैं
छोटे भाई का फर्ज रहा झुक जाने को,,
बड़ा भाई खुद झुक जाएगा उठाने को
लक्ष्मण भी थे रामचंद्र जी के छोटे भाई
दोनों भाई साथ रहे क्या कभी कोई विपदा आई
कम लगता है घर में पहले बड़ा भाई छोटा करें बैठा पढ़ाई
दुहाई देता हूं उनको जो टूट गए हैं आपस में,,
क्या रह गया परिवार उनके अब क्या है उनके बस में
घर का हिस्सा कर दिया बांट दि खेती ,,
ऐसा काम नहीं होता अगर घर में मां रहती
घर के बीच में खींची लकीर ,,
जिंदा पिता को बना दिया जीते जी फकीर
----अशोक सुथार

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




