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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

दिल में अगर ना जगह हो सनम- हास्य 😍 गीत- वेदव्यास मिश्र

दिल में अगर ना जगह हो सनम,
तो आँखों में हमको बसा लीजिये !!
अगर ना जगह हो जो आँखों में तो,
कहीं भी हमें तो टिका दीजिये !!

किराया लगेगा जो भी रहने का,
चुकायेंगे हम अपना घर बेचकर !!
न खायेंगे हम और पियेंगे ना कुछ,
तुम्हें ही निहारा करेंगे रात भर !!
उल्लू की तनिक भी जरूरत नहीं,
हमें उसकी जगह तो बिठा लीजिये !

अगर ये भी सम्भव नहीं जानेमन,
तो टंकी में हमको छुपा लीजिये !!
सोख लेंगे गर्मी..पानी का जानेमन,
ठंडे पानी की कोई तो वजह दीजिये !
ग़र ये भी हो मुश्किल मेरे हमनवाँ,
अपनी ज़ुल्फों में थोड़ी जगह दीजिये !!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (12)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sundar Hasya buna shriman ...

डॉ कृतिका सिंह said

Nyc amazing.

Kapil Kumar said

Bahut khoob Tanki mein chhupa lijiye Bahut khoob

Saloni singh said

😂😂😂 ab kya hi kahun.🤣🤣

Devendra Yadav said

बहुत सुंदर रचना हंसने के लिए जबरदस्ती मजबूर कर रही है ऐसी जबरदस्ती हमें बहुत मंजूर है

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी जी, सहृदय आभार !! साधू sss साधुवाद 😍😍

वेदव्यास मिश्र said

डॉ कृतिका सिंह जी, आभार स्पंदित आनंदित नमन 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Kapil Kumar जी, आभार सहृदय भाई साहब !! वाकई टंकी बहुत ही सेफ जगह है भाई साहब !! नहाते रहिये ..इससे सुखद आनन्द भला और कहाँ 😍😍

वेदव्यास मिश्र said

Devendra Yadav जी, ध्यान से देखा जाये तो इस काव्य में प्रेम की गहराई है !! अब प्रेम में थोड़ी सी जबरदस्ती तो ज़रूरी भी है !! 😍😍😁😁😍😍

वेदव्यास मिश्र said

Saloni singh जी, आभार मैम हृदयंगम नमन 🙏🙏😍🙏🙏

वन्दना सूद said

Wow!!sir beautiful poem

वेदव्यास मिश्र said

वन्दना सूद जी, सधन्यवाद मैम आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए !! कभी-कभी खुद मेरी ही रचना आश्चर्य में डाल देती है..कहाँ से इतने खूबसूरत और खतरनाक विचार आते हैं..भगवान ही जाने !! मैं स्वयं हतप्रभ हूँ ,अपनी रचना पढ़कर !! आभार नमन 🙏💝💝🙏

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