दिल में अगर ना जगह हो सनम,
तो आँखों में हमको बसा लीजिये !!
अगर ना जगह हो जो आँखों में तो,
कहीं भी हमें तो टिका दीजिये !!
किराया लगेगा जो भी रहने का,
चुकायेंगे हम अपना घर बेचकर !!
न खायेंगे हम और पियेंगे ना कुछ,
तुम्हें ही निहारा करेंगे रात भर !!
उल्लू की तनिक भी जरूरत नहीं,
हमें उसकी जगह तो बिठा लीजिये !
अगर ये भी सम्भव नहीं जानेमन,
तो टंकी में हमको छुपा लीजिये !!
सोख लेंगे गर्मी..पानी का जानेमन,
ठंडे पानी की कोई तो वजह दीजिये !
ग़र ये भी हो मुश्किल मेरे हमनवाँ,
अपनी ज़ुल्फों में थोड़ी जगह दीजिये !!
सर्वाधिकार अधीन है