एक मुलाकात और आँखों में प्यार उतरना।
पलटते ही चेहरे पर लाली का फिर उभरना।।
बेवजह कुछ नही होता वज़ह मोहब्बत होगी।
दिल की उथल-पुथल से जुल्फ फिर संवारना।।
कौन सिखा रहा जैसे आईना करीब बुला रहा।
अन्दर से बाहर बाहर से अन्दर फिर गुजरना।।
पिछले जन्म का छूटा साथ फिर साथ लेकर।
हाथ में हाथ 'उपदेश' करीब बैठकर निहारना।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद