यहाँ वीरता और शौर्य से ही पहचान हमारी है।
देश की सीमाओं पर आन-बान-शान भारी है।।
कठिन परिश्रम से नाता रहा प्रशिक्षण से मेरा।
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण पर मेरी पहरेदारी है।।
संकल्पित रणनीति को यश में रूपांतरित कर।
परिस्थिति अनुरूप ढलने में महारत हमारी है।।
इन सब के वाबजूद कोमल दिल में बसता देश।
देशवासियों की रक्षा सर्वोपरि से गहरी यारी है।।
भिन्न-भिन्न राशि के बन्दे माँ की सुरक्षा 'उपदेश'।
कला निराली सीखी हमने बेहतर चौकीदारी है।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद