अपने पथ से तू कदम मत डगमगा
जीत इसी पथ पर है दुनिया को दे तू बता।
चलता जा बढ़ता जा हर सीढ़ी कर ले पार
होगा इसी पथ पर ,एक दिन तेरा बेड़ा पार।
मंजिल से अपनी कभी, तू भटक मत जाना
कोई कितना भी भड़काए ,तू भड़क मत जाना ।
दूरी लंबी जरूर है पर मंजिल भी तू पाएगा
जीत जाएगा एक दिन तू ,जीत का हकदार भी कहलाएगा।
-राशिका

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




