हौसलो में उड़ान हो।
हसरतो में जान हो।।
समता की नजर वाले।
बाबा जैसा ज्ञान हो।।
रूह के मन मंदिर में।
इंसान की पहचान हो।।
मानवता की छाप वाले।
जनक का सम्मान हो।।
दृढ़ता की लहर लेकर।
दूरदृष्टि का भान हो।।
पारदर्शी व्यावहार 'उपदेश'।
उसूल जिसके महान हो।।
फर्ज में ज़ज्बात उभरें।
कर्म में अभिमान हो।।
श्रद्धा सुमन से भीम का।
तिलक हो सम्मान हो।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद