कहीं भी नहीं इधर उधर
सिर्फ हमारे घर पर
एक गाय बहुत अच्छी बड़ी है
उसकी सुंदर बछड़ी है
बछड़ी उसकी दूध पीती है
फिर गाय हमें भी दूध देती है
वह दूध हम सभी पीते हैं
लंबी उमर जीते हैं
दूध से ही बनता
दही पनीर घी लस्सी
खाने में होती हैं वे सभी अच्छी
इसी लिए गाय को दुखी कभी करना नहीं
डंडे से उसको कभी भी मारना नहीं
वह घर की शोभा और रंग है
गाय तो हमारी अभिन्न अंग है
गाय तो हमारी अभिन्न अंग है.......
----नेत्र प्रसाद गौतम