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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अब समाज प्रौढ़, प्रशिक्षित, और दक्ष हो गया है - वेदव्यास मिश्र

अब समाज प्रौढ़, प्रशिक्षित,
और दक्ष हो गया है !!
वो भोलापन वो मासूमियत,
अब कहीं गुम हो गया है !!

पढ़-लिखकर अब लोग,
बदतमीज हो रहे हैं !!
समाज सेवा बला बनी अब,
लोग दावत में मिल रहे हैं !!
पनघट और पनहारन,
बीते कल की बात हुई अब !!
आपस का वो भाईचारा,
खतम सा ही हो गया है !!

जब तक हम अनपढ़ थे यारो,
रिश्तों की कदर अच्छी थी !!
समझ नहीं थी किताबों की पर,
अपनेपन की समझ अच्छी थी !!
कुछ तो बात थी उन दिनों की,
मच्छर की पहुँच नहीं थी !!
थे आबाद सब नदी तलैया,
खेतों में नमीं अच्छी थी !!
पढ़-लिखकर पाये हैं जितना,
उससे जियादा चौपट हुआ है !!

सभी पुराने फेंकिये मत,
भले नया ही सौ अपनायें !!
पोधे लगायें बाग में बेशक़,
बरगद पीपल भी बचायें !!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Atyant prabhaavshali rachna...jiwan ke muluon ko sanjokar rakhne ke liye itna bhi kaafi hai...

वेदव्यास मिश्र replied

नमन अभिवादन पचौरी जी !! आपकी समीक्षा मुझे लगातार मिल रही है. इसका मतलब है कि ईश्वर ने मुझे उस कद्रदान दोस्त के पास भेजा है जिसे दोस्ती का और सामाजिक मूल्यों के प्रति गहरा सम्मान और आदरभाव है !! हम और आप भले ही रचनाये लिखते हैं मगर हम भी तो उस ईश्वर के सबसे प्यारी रचना हैं !! ईश्वर ने मुझे आप जैसे प्यारे इन्सान से मिलवाया इसके लिए ईश्वर का बहुत आभरी हूँ !! 🙏💜💜🙏

Amit Shrivastav said

Bahut Khoob Kaha umda prastuti, aapki Rachna ka एक-एक Shabd Satya hai

वेदव्यास मिश्र said

Amit Shrivastav जी, आप इस पोस्ट के केन्द्रिय भाव तक पहुँचे ,इसके लिए बहुत-बहुत आभार सहृदय अमित जी 🙏🙏🌿🌿🙏⛱

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