कविता : रिश्तेदार....
कोई रिश्तेदार घर
पर आते ही नहीं
कोई रिश्तेदार घर आ
कर जाते ही नहीं
जो रिश्तेदार घर आते नहीं
वे हम से जलने वाले हैं
जो रिश्तेदार घर आ कर जाते
नहीं वे हमें निगलने वाले हैं
रिश्तेदारों से रिश्तेदारी
निभाना मजबूरी है
मगर रिश्तेदारों से सचेत
होना भी जरूरी है
रिश्तेदार तो बुरा हाल
कर कर छोड़ सकते हैं
इतना ही नहीं ये लोग तो
कमर ही तोड़ सकते हैं
इतना ही नहीं ये लोग तो
कमर ही तोड़ सकते हैं.......
netra prasad gautam