मुझे आ गया अपनी आँखो को,
नींद आने पर खुद सुला लेना।
गहरी नींद में अपनी बाहों का,
त्रिभुज बनाकर उसे बुला लेना।
माँ और पापा का ड्यूटी जाना,
दिन ढलने से पहले मन बहला लेना।
उसको बहुत अच्छा लगता 'उपदेश',
मेरा डाक्टर बनकर चेकअप करना।
सपनो में बडा होना स्वाभाविक सा,
सपने को सम्हाल कर काम चला लेना।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद