ओह सुन सुन तू बोलता, कलेज जाता हूं पढ़ रहा हूं
ध्यान से पढ़ लिख कर धीरे धीरे आगे को बढ़ रहा हूं
मगर तू झूठ भी तो बोल सकता है
तुझे देख कर तेरा चरित्र सही हो ऐसा तो नहीं लगता है
कोई हम को बताता है सुनने में आता है
तू तो कलेज जा कर पढ़ने के बजाए होटल पर जाता है
वहां जा कर शराब और विश्की पिता रहता है
अपने मां बाप का पैसा पानी की तरह बहाता है
कभी वहां किसी लड़की के साथ डांस करता है
कभी वहां किसी लड़की के साथ रोमांस करता है
अरे सुनने में तो ये भी आया है
तू ने एक लड़की को नहीं
चार चार लड़कियों को गर्ल फ्रेंड बनाया है
कभी किसी के साथ कभी किसी के साथ डेटिंग करता रहता है
उन लड़कियों पर फिदा हो कर मरता रहता है
देख सुधर जा अगर ये हरकत पर बाज नहीं आएगा
निश्चित है तेरा भविष्य बिगड़ जाएगा
निश्चित है तेरा भविष्य बिगड़ जाएगा.......
----नेत्र प्रसाद गौतम