चलते चलते पलटने का हुनर उन्हें आता है बखूबी
आस्तीन में सिमटने का हुनर उन्हें आता है बखूबी
कोई कितना ही प्रेम से दूध पर पाले दास इन्हें तो
हर किसी को डसने का हुनर उन्हें आता है बखूबी II
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कोई कितना ही प्रेम से दूध पर पाले दास इन्हें तो
हर किसी को डसने का हुनर उन्हें आता है बखूबी II