शहर में आज
त्योहार की धूम है
मंदिर के बाहर उमड़ा
लोगों का हुजूम है
सभी की है चाहतें,
उम्मीदें और इच्छाऐं
नतमस्तक होकर
जगतपिता को सुनाएं
बाहर आती शंखनाद
और घंटाध्वनि
आरती लेते चढ़ावा देते
माता, पिता, बेटा, बेटी
सबका अपना व्यक्तित्व है
दर्शन का अलग औचित्य है
कोई जलाभिषेक करता
कोई करता साष्टांग प्रणाम
कोई मौन प्रभु स्मरण करता
किसी का जयकारा गूंजता
यहां उम्मीदों के दिए जलते
संतुष्टि लेकर है घर जाते
चित्रा बिष्ट
(मौलिक रचना)

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




