छाया देवी आती आकर
पुत्र शनि को गले लगाती। 1
सिर पे रख कर हाथ पुत्र के
आशीर्वाद देती ही जाती। 2
मेरा पुत्र है सबसे प्यारा
मेरी आंखों का है तारा। 3
दुःख-संताप मिटाने वाला
दीन-दु:खियों का है सहारा। 4
शनिदेव को खिला मिठाई
माता छाया अति मुस्काई। 5
जन्मदिवस की तुम्हें बधाई
पुत्र तुम्हारी जयंती आई। 6
ज्येष्ठ मास की यह अमावस
कहलाती भी है बड़मावस। 7
पूरा भारत इसे मनाता
घर-घर पत्ता पूजा जाता। 8
बड़ के वृक्ष की कर परिक्रमा
वट सावित्री व्रत रखती अर्यमा। 9
बड़ा महत्वपूर्ण यह दिवस
ज्येष्ठ मास और यह अमावस। 10
चरणों में प्रभु हम शीश नवाते
शनिदेव से आशीर्वाद पाते। 11
जय शनि देवा........
जय शनि देवा........
______मनीषा सिंह