एक लड़की और मेरे में इश्क हो गया
हम दोनों का इश्क बिल्कुल फिक्स हो गया
एसे में उसका घर मोहल्ले में उधर है
मेरा घर फिर मोहल्ले के इधर है
मैं उस से मिलने को बेकरार हूं
वह मुझ से मिलने को बेकरार है
उसके और मेरे बीच में
बहुत जबरदस्त हो चुका प्यार है
मगर उसके घर वाले
मुझे उसके घर जाने नहीं देते
मेरे घर वाले मेरे घर
उस को आने नहीं देते
ये कमबख्त इश्क इश्क में
हुवा प्यार तगड़ा है
मगर हम दोनों को मिलने में
बहुत बड़ा लफड़ा है
अगर दोनों घर से भाग होटल जाएं तो
वहां दो चार दिन रुक कर खाना खाएं तो
ये भी बिल्कुल नहीं कर सकते
होटल का बिल भी नहीं भर सकते
क्यों की हम दोनों गरीब एसे हैं
न हमारे पास रुपए न पैसे हैं
क्या बताएं पूरा का पूरा डिप्रेशन में जा रहे
साथ बैठ हम तो ढंग से प्यार भी नहीं कर पा रहे
कर भी तो कुछ नहीं सकते
उनके इस ब्यभार का हे
खुदा बाद में जा कर
क्या होगा हमारे इस प्यार का ?
हे खुदा बाद में जा कर
क्या होगा हमारे इस प्यार का.......?
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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