बुद्ध ने कब कहा
की बुद्ध होने के लिए सदैव बुद्ध ही हो जाओ
और ये भी की
सत्य को खोजने के लिए बुद्ध ही होना होगा
तुम्हे क्यूं करना है गृहत्याग?
क्यों न तुम लालसा त्यागकर सत्य को समझ लो।
तुम्हे क्यूं करनी है संसार यात्रा
क्यों न अंतर्मन की यात्रा कर तुम सत्य को समझ लो।
तुम्हे क्या ज़रूरत पीपल के वृक्ष की
क्यों न संघर्ष की छांव तले,
साधना कर तुम सत्य को समझ लो।
तुम्हे क्यूं करना है काननवास
क्यों न एकांतचिन्तन में वास कर,
तुम सत्य को समझ लो।
तुम्हे क्यूं करनी है घोर तपस्या,
क्यों न तुम सत्य को जानने के प्रयत्न से,
सत्य को समझ लो।
आख़िर क्या आवश्यकता है,
बुद्ध होने के लिए,बुद्ध ही होने की।
क्यों न अपने आत्मबल से सत्य को खोजकर
तुम बुद्ध हो जाओ।।