बारंबार अभ्यास पऽ,बने केसनको बात।
जइसे आसन-योग से,निर्मल होला गात।।
निर्मल होला गात, मिलेला सुन्दर काया।
आशा होला पूर्ण न कवनो दायां बायां ।।
जीवन मे अभ्यास मूल्य के हो सत्कार ।
ई सब गुण के खान, कहींन सब बारंबार ।।
-'प्यासा'